Pradhan Mantri Rahat Kosh Yojana 2024
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प्रधानमंत्री राहत कोष योजना 2024
जिससे हमारे कोरोना संक्रमित भारतीयों की सीधी सेवा होगी और उन्हें इस घातक बीमारी के प्रकोप से बचाते हुए उन्हें एक नया जीवन देकर बचाया जाएगा। न्यूनतम राशि का योगदान करके हम इस मानवता के कल्याण में अपना अमूल्य योगदान तय कर सकते हैं और सही मायने में, हम भारत की सेवा करने के इस सुनहरे अवसर का पूरा लाभ उठा सकते हैं और इस योजना के पीछे भारत सरकार की मूल मंशा है। .
हम, अपने इस लेख में, pradhan mantri rahat kosh yojana 2024 व pradhan mantri sahayata kosh form pdf की पूरी जानकारी देंगे, इसके मौलिक लक्ष्यो व लाभो के बारे में बतायेगे औऱ साथ ही साथ इस कोष में, ऑनलाइन अपनी आर्थिक सहायता देने की पूरी प्रक्रिया का चित्र सहित वर्णन करेंगे ताकि हमारे सभी भारतवासी इस सुनहरे अवसर का लाभ ले सकें भारतवर्ष की सेवा कर सकें।
योजना का नाम | प्रधानमंत्री राहत कोष योजना 2024 |
योजना के पहलकर्ता | भारत सरकार। |
योजना का मौलिक उद्धेश्य | सभी कोरोना संक्रमितो को कोरोना के संक्रमण से मुक्ति देकर व अन्य प्राकृति आपदाओ से मुक्ति देकर उन्हें सामान्य जीवन प्रदान करना। |
योजना के लाभार्थी | भारत के सभी कोरोना पीडित भारतवासी। |
योजना के केद्रीय बिंदु | कोरोना के खिलाफ और देश में, होने वाली प्राकृतिक आपदाओ के दौरान देश की एकता को प्रमाणित करते हुए कोरोना को हराने में, भारत के कंधे से कंधे मिलाना। |
योजना में, आवेदन की स्थिति | पोर्टल पर, ऑनलाइन अनुदान स्वीकार किये जा रहे हैं। |
योजना से संबंधित सभी लिंक | योजना के तहत जारी आधिकारीक वेबसाइट का सीधा लिंक-
https://pmnrf.gov.in/downloads । |
योजना के तहत जारी हेल्पलाइन नंबर |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष क्या हैं?
हम अपने सभी पाठकों को बताना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष वह कोष है जिसके तहत लोगों को कुछ ऐसी स्थितियों में मदद की जाती है जिसमें लोगों का कोई प्रयास नहीं होता है या लोगों के हाथ में कुछ भी नहीं होता है। यानी हम कहना चाहते हैं कि इस फंड के तहत बाढ़, चक्रवात, भूकंप और सुनामी, बड़े हादसे और दंगे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों के परिवारों को तत्काल राहत देने के लिए इस फंड से सहायता प्रदान की जाती है. इसलिए इस कोष का नाम राष्ट्रीय राहत कोष रखा गया है और इसके आगे प्रधानमंत्री शब्द का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसके अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
प्रधानमंत्री राहत कोष योजना 2024– मौलिक लक्ष्य
- नई आपदा अर्थात् कोरोना के संक्रमण से बचाना,
- विभीषिका से बचाना और उनकी हर संभव तरीके से क्षतिपूर्ति करना,
- हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो को समाज की मुख्यधारा से जोडकर सामान्य जीवन प्रदान करना,
- प्राकृतिक आपदा पीडितो का खाधान्न व स्वास्थ्य सशक्तिकरण करना,
- हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो का सही मायनो को रोजगार सशक्तिकरण करना और
- सतत व समावेशी विकास करना आदि।
उपरोक्त मौलिक लक्ष्यो की पूर्ति इस योजना के तहत की जायेगी जिससे हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो का सम्पूर्ण विकास होगा।
प्रधानमंत्री राहत कोष योजना – मौलिक लाभ
- इस योजना की मदद से हमारे भी भारतवासियो को काफी हद तक कोरोना संक्रमण से बचाया गया हैं,
- हमारे सभी भारतवासियो को प्राकृतिक आपदाओ की विभीषिका से बचाना और उनकी हर संभव तरीके से क्षतिपूर्ति हुई हैं,
- हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो को समाज की मुख्यधारा से जोडकर सामान्य जीवन प्राप्ति हुई हैं,
- हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो का खाधान्न व स्वास्थ्य सशक्तिकरण हुआ हैं,
- हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो का सही मायनो को रोजगार सशक्तिकरण हुआ हैं और
- हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो का सतत व समावेशी विकास हुआ हैं आदि।
उपरोक्त मौलिक लाभो की प्राप्ति इस योजना के तहत की गई जिससे हमारे सभी प्राकृतिक आपदा पीडितो का सम्पूर्ण विकास हुआ हैं।
क्या हैं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का पैन नंबर ?
हम अपने पाठको और दानदाताओँ के बताना चाहते हैं कि, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का पैन नंबर xxxxxx637Q हैं जिसकी सहायता से हमारी आम जनता इस कोष में बेहद सरलता से अंशदान कर सकती हैं।
कौन करता हैं इस कोष का संचालन ?
हम अपने पाठको को बताना चाहते हैं कि, इस कोष का गठन, संसद के द्धारा नहीं किया गया हैं और इस कोष में जमा राशि को आयकर अधिनियम के तहत एक ट्रस्ट के रुप में माना जाता हैं।
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इस कोष का पूरा प्रबधंन पूरी तरह से प्रधानमंत्री और विविध नामित अधिकारीयों द्धारा किया जाता हैं राष्ट्रीय प्रयोजनों के लिए।
भारत के प्रधानमंत्री इस कोष का संचालन ’’ प्रधानमंत्री कार्यालय, दक्षिण ब्लॉक, नई दिल्ली-110011 से किया जाता हैं। इस कोष के कर्माचारी अवैतनिक तौर पर इस कोष का संचालन करते हैं औऱ भारत के प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं।
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का इतिहास क्या हैं ?
जहां तक प्रश्न हैं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के इतिहास की तो हम कह सकते है कि, इसका इतिहास हमारे आजादी के साथ धनिष्ठता के साथ जुड़ा हुआ हैं।
15 अगस्त,1947 की मध्य रात्रि को भारत आजाद हुआ और साथ ही भारत के बीचो-बीच बंटवारे की दुखदायी लकीर भी खींज दी गई अर्थात् भारत का बंटवारा हुआ और दो नये देश अन्तराष्ट्रीय मंच आये- भारत और पाकिस्तान।
वापस आते हैं अपने विषय पर, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना बेहद दुखदायी और पीड़ादायक परिस्थितियों में इसकी स्थापना की गई थी अर्थात् पाकिस्तान से विस्थापित हमारे लोगो की मदद के लिए 1948 की जनवरी माह में तत्कालीन और स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री. पंडित जवाहर लाल नेहरू के निवेदन पर जनता के अंशदान से की गई थी ताकि पाकिस्तान से विस्थापित हमारे लोगो के सुरक्षा और उन्हें अन्य सुविधाये प्रदान की जा सकें, जिनकी उन्हें उस समय सख्त जरुरत थी।
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कहां तक विस्तार हुआ हैं इस कोष का ?
स्थापना की परिस्थितियों में इस कोष का मुख्य उद्धेश्य मात्र पाकिस्तान से विस्थापिर हमारे लोगो की आर्थिक मदद के लिए और इन्हें अन्य सुरक्षाये प्रदान करने के लिए शुरु की गई थी पर अब हालत बदल चुके हैं और इस कोष का व्यापक स्तर तक विस्तार भी किया जा चुका हैं।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का विस्तार कहां तक हुआ हैं इसकी दूरी को नापने के लिए हम कुछ बिंदुओं का सहारा लेंगे जो कि, इस प्रकार हैं-
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत अब प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी व चक्रवात आदि के कारण अपनी जान से हाथ धोने वालो के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करना,
- बड़ी दुर्धटनाओँ, साम्प्रदायिक हिंसा और दंगा पीडितों की मदद के लिए भी इस कोष ने पहल की हैं,
- इसके अलावा इस कोष ने चिकित्सा क्षेत्र में भी अपना योगदान देना शुरु कर दिया हैं जिसके तहत ह्रदय, शल्य-प्रत्यारोपण, गुर्दा प्रत्यारोपण और कैंसर के साथ-साथ अन्य कई तरह की घातक बिमारियों से इलाज के लिए भी इस कोष से लाभार्थियों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाती हैं।
उपरोक्त बिंदुओँ के माध्यम से हम इस कोष की व्यापकता को समझ सकते हैं।
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किस पर निर्भर हैं इस कोष का अंशदान ?
हम अपने पाठको को बताना चाहते हैं कि, इस कोष का पूरा अंशदान पूरी तरह से हमारे नागरियों व आम जनता के ऊपर ही निर्भर हैं और इस कोष को किसी भी तरह की कोई बजटिय सहायता नहीं मिलती हैं।
इस कोष में पूरी राशि का निवेश अनुसूचित व्यापारिक बैंको व अन्य संस्थाओं में विभिन्न रुपो में किया जाता हैं।
इस तरह से हम कह सकते है कि, इस कोष के कर्ता-धर्ता हम ही हैं आर्थत् भारत की आम जनता हैं।
किस प्रक्रिया के तहत निकाली जाती हैं राशि, इस कोष से ?
इस कोष से राशि का अनुमोदन भारत के प्रधानमंत्री के द्धारा किया जाता हैं। इस कोष को ’’ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10 व 139 के तहत आयकर रिर्टन ’’ से छुट दी जाती हैं। इस कोष के लिए दिये गये अंशदान की राशि को ’’ आयकर अधिनियम,1961 की धारा 80 (छ) के तहत पूरी तरह से आयकर की छूट दी जाती हैं।
इस Pradhan Mantri Rahat Kosh Yojana के तहत जिन अंशदान को स्वीकार नहीं किया जाता हैं उनकी सूची इस प्रकार है-
- सरकारी बजट स्त्रोतो से प्राप्त राशि स्वीकार नहीं कि जाती,
- सार्वजनिक उपक्रमों के बैंलेंस शीट्स से मिलने वाले अंशदान स्वीकार नहीं किये जाते हैं,
- जिस अंशदान के साथ शर्त जुड़ी होती हैं अस्वीकार किये जाते हैं जैसे अंशदान में दी गई राशि का प्रयोग केवल विशिष्ट प्रयोजन के लिए ही किया जाये आदि।
उपरोक्त अंशदानों को इस कोष में स्वीकार नहीं किया जाता हैं।
प्रधानमंत्री राहत कोष फॉर्म यहाँ डाउनलोड करें:-
Form Name | Download Form Here |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन-पत्र | Download Form |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान देने के लिए फार्म | Download Form |
एसिड अटैक पीड़ित के लिए आवेदन-पत्र | Download Form |
किस तरह से कर सकते हैं इस कोष में अंशदान व कैसे करे फॉर्म डाउनलोड ?
भारत सरकार द्धारा इस कोष में अंशदान की पूरी प्रक्रिया को बेहद आसान रखा गया हैं ताकि भारत की आम जनता सरलता और सुविधापूर्वक इस कोष में अंशदान कर सकें जिसकी पूरी प्रक्रिया इस प्रकार हैं-
- सबसे पहले आपकी इसकी आधिकारीक वेबसाइट से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा जिसका लिंक इस प्रकार हैं- https://pmnrf.gov.in/downloads,
- इस फॉर्म को बेहद ध्यानपूर्वक भरें,
- अन्तिम चरण के रुप में इस फॉर्म को भरकर संबंधित कार्यालय अर्थात् प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा करा दें,
- दानकर्ताओँ को ये हिदायत दी जाती हैं कि, वे अपने द्धारा बैंक में जमा कराये गये अंशदान का पूरी ब्यौरा व दानकर्ता के स्थायी पते को इस ई-मेल पर उपलब्ध कराये जो कि, इस प्रकार हैं –pmnrf[at]gov[dot]in पर भेजे ताकि दानकर्ता को आयकर अधिनियम की धारा 80 (जी) के तहत तुरन्त रसीद प्रदान की जा सकें।
उपरोक्त चरणों का पालन करने के बाद हमारी आम जनता सरलता से इस कोष में अंशदान कर सकते हैं
अन्त, ये कोष हर भारत वासी का कोष हैं और इससे आपात स्थितियों में हर भारत वासी की मदद की जाती हैं।
Download PMNRF Forms
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- Form for Donation to PMNRF
- Form for Acid Attack Victims