हम जीवन में क्या चाहते हैं ?
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हम सब अपने-अपने जीवन में कुछ बेहतर, कुछ अच्छा, कुछ सबसे अलग चाहते हैं और उस चाहत को पूरा करने के लिए हम ना जाने क्या-क्या करते हैं, क्या-क्या झेलते हैं, क्या-क्या सुनना पड़ता हैं ना जाने क्या-क्या देखना पडता हैं सिर्फ और सिर्फ अपनी चाहत अर्थात् इच्छा को पूरा करने के लिए ताकि उस चाहत की पूर्ति से हमें संतोष की प्राप्ति हो और कुछ राहत महसूस कर सकें।
क्या होता हैं जब हमारी चाहत पूरी नहीं होती ?
हम जानते हैं कि, सबकी प्रतिक्रिया अलग-अलग होगी क्योंकि हम सब की चाहत जब अलग हैं तो उस चाहत की पूर्ति ना होने पर प्रतिक्रिया भी अलग-अलग ही होगी।
हमारी चाहत और उसकी पूर्ति ना होने पर हर इंसान की प्रतिक्रिया अलग-अलग होती हैं पर जो एक चीज़ हम सबसे एक साथ प्रवेश करती हैं जब हम अपनी चाहत को पूरा करने में नाकामयाब होते हैं तो वो हैं, ’’ तनाव ’’।
चाहत + असफलता = तनाव
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमारी कुछ पाने की या फिर करने की चाहत होती हैं और जब वो चाहत पूरी नहीं होती तो उसके तमाम प्रभावो को यदि हम एक नाम दे तो वो नाम होगा,’’ तनाव ’’।
तनाव एक तरह से हमारी असफलता का सूचक होता हैं। तनाव तब नहीं आता हैं जब हम खुश होते हैं, कुछ कर रहे होते हैं, या फिर कोई योजना बना रहे होते हैं ये तब आता हैं जब उपरोक्त में से किसी में भी हमें असफलता मिलती हैं अर्थात् हम कह सकते हैं कि, असफलता का दूसरा नाम ही तनाव हैं जिसे हम अग्रेजी में,’’ डिप्रेशन ’’ कहते हैं। बेहद सामान्य हैं और हर छोटी-सी बात पर ये आपके सिर पर सवार हो जाती हैं और आपका स्वभाव देखते ही देखते बदल जाता हैं यानि आप इसके शिकार हो जाते हैं।
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तनाव-एक विशलेषण
कहने की जरुरत तो नहीं हैं पर कहना पड़ता हैं क्योंकि आज के दौर में भी हममे से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें तनाव क्या हैं या फिर किस वजह से होता हैं इसका पता नहीं हैं तो हमारा ये दायित्व हैं कि, हम अपने पाठकों को ये बताएं कि, तनाव क्या हैं, इसके प्रभाव क्या हैं और इसका परिणाम क्या हैं¿
आईए जानते हैं इस तनाव की अलग-अलग परतो के बारे में-
तनाव क्या हैं? What is Tension
हमारी किसी भी इच्छा की नापूर्ति, हमारी किसी भी चाहत का पूरा ना होना यो फिर हमारी छोटी-से-छोटी असफलता के बाद जो बदलाव हमारे स्वभाव में आता हैं वहीं तनाव हैं और हमारे भीतर अचनाक चिढचिढापन, नकारात्मकता या फिर गुस्सा जो हम खुद महसूस करते हैं इसी तनाव के अलग-अलग दूत हैं।
क्या होता हैं तनाव के दौरान
तनाव के दौरान वैसे तो कई सारी प्रतिक्रियायें- मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक होती हैं जो इस प्रकार हैं-
- हमेशा एक तरह की घबराहट महसूस करना,
- सिर में हल्के-से दर्द का हमेशा बने रहना,
- नींद ना आना,
- बैचेनी महसूस करना,
- हमेशा उदास रहना,
- बेवजह थकावट महसूस करना,
- भीतर ही भीतर किसी ना किसी चीज़ को लेकर परेशान रहना,
- किसी चीज़ में मन का ना लगना आदि कुछ ऐसी प्रतिक्रियायें हैं जो तनाव के दौरान आपके स्वभाव में देखने को मिलती हैं।
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वो कारण जिनसे तनाव कि उत्पत्ति होती हैं-
वैसे तो कई सारे कारण हैं जिनसे तनाव की उत्पत्ति होती हैं पर कुछ कारण ऐसे हैं जिनको उजागर करना यहां बेहद जरुरी हैं जो इस प्रकार हैं-
- आर्थिक स्थिति का ठीक ना होना,
- अपने भविष्य के लेकर चिन्तित रहना,
- अपने काम के प्रति असंतोष,
- घर का माहौल ठीक ना रहना,
- घर में सदा कलेश और लड़ाई-झगड़े की स्थिति,
- आपसी मन-मुटाव,
- किसी भी चीज़ में असफलता,
- दूसरों से जलन की प्रवृत्ति,
- अभिभावकों की आकांक्षाओं को पूरा ना कर पाने का अहसास आदि।
उपरोक्त कुछ ऐसे कारण हैं जो ज्यादातर मामलों में पाये जाते हैं और गंभीर परिणाम की दस्तक पहले ही देते हैं।
तनाव के कुछ जाने- माने परिणाम
तनाव के कुछ जाने-माने परिणाम देखने को मिलते हैं जिनका जिक्र यहां करना जरुरी हैं, जो कि, इस प्रकार हैं-
- नकारात्मकता में डूब जाना,
- आत्महत्या जैसे कदम उठाना,
- अपनो से दूरी बना लेना,
- अकेलेपन का शिकार होना,
- दूसरों को संदेह की नजर से देखना,
- दूसरो पर अविश्वास करना,
- अपने लक्ष्य से हार मान लेना आदि कुछ जाने माने प्रभाव हैं जिनका हमने यहां पर जिक्र किया हैं।
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हम क्या कर सकते हैं?
देखा जाए तो इस तनाव से बचने के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं और देखा जाए तो हम नहीं कर सकते क्योंकि कुछ करना और न करना हमारी सोच पर, हमारी मानसिकता पर और हमारे व्यक्तित्व पर निर्भर करता है, तो वैसे तनाव के बहुत गंभीर परिणाम होते हैं। , वैसे ही इस तनाव को दूर करने के बहुत ही सामान्य तरीके हैं जैसे-
- सही जीवनशैली का चयन करे-
कोशिश करें कि, जहां तक हो सके एक संतुलित जीवनशैली का चयन करें ताकि जीवन में आने वाले हर पड़ाव का एक संतुलन बना रहे। दूसरी तरफ एक संतुलित जीवनशैली हमें संतोष और सफलता प्रदान करना करती हैं इस वजह से भी हम इसे अपना सकते हैं।
सोच में सकारात्मक बदलाव लाये-
कोशिश करें कि, सदैव अपने विचारो को सकारात्मक रखे और उसमें हमेशा सकारात्मकता को लाने की कोशिश करते रहे क्योंकि आपकी सकारात्मकता ही आपकी सफलता का पहला आधार हैं।
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समय-सारिणी का पालन करें
आप जो भी कार्य करने वाले हैं उसका एक समय-सारिणी बना लें ताकि वो कार्य समय पर पूरा हो जाए। इससे आपके जीवन में संतुलन आता हैं और फिर संतोष का आगमन होता हैं।
सगे-संबंधियों से जरुर मिले
अपने तनाव को दूर करने के लिए कोशिश करें कि, सगे-संबंधियो से मिलने के लिए समय जरुर निकाले। इससे आपका मन हल्का होता हैं और आपके विचारों में भी बदलाव आता हैं।
अपने लिए समय निकालना ना भूलें
अपने कार्यों को पूरा करते-करते खो ना जाएं बल्कि अपने लिए समय जरुर निकालें और खुद का ख्याल जरुर रखे। याद रखिए अगर कोई मायने रखता हैं तो वो सिर्फ आप हैं।
व्यायाम और खेल को अपने जीवन में जगह दें
अपनी नियमित जीवनशैली में बदलाव के तौप आप व्यायाम कर सकते हैं और किसी मन-पसंद खेल को चुन सकते हैं क्योंकि खेल आपके जीवन में एक अहम् भूमिका अदा करता हैं।
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शराब और नशीले चीजो से दूरी बनाए रखें
अपने जीवन से तनाव को दूर करने के लिए सबसे पहले आपको अपने जीवन से शराब और हर नशीले चीजों को दूर करना होगा तभी आपके जीवन में नई चीजे प्रवेश कर सकती हैं।
पूरी नींद लें – Tension Ko Kaise Door Kare
नींद ही तय करता हैं कि, आसोपका अगला दिन कैसा रहने वाला हैं इसलिए पूरा नींद सोए बिना किसी चिन्ता के।
- दिल ना माने तो ना कह दें
तनाव के मुख्य कारणों में से एक कारण ये भी हैं कि, हम ना नहीं कह पाते हैं जिस वजह से हम ना चाहते हुए भी कुछ करने के लिए मजबूर हो जाते हैं इसलिए यदि आपका दिल ना माने तो सीधे-सीधे ना कहे दें।
- समय मिलने पर जरुर घूमें
सप्ताह में एक दिन जरुर घुमने के लिए निकाले ताकि आपको कुछ अलग महसूस हो और आपके व्यवहार में भी एक नया बदलाव आये।
विशेषज्ञों से परामर्श जरुर लें
अपने भीतर आये किसी भी बदलाव को नजर अंदाज ना करें बल्कि तुरन्त विशेषज्ञों से परामर्श लें ताकि आप एक स्वस्थ जीवन जी सकें।
कितबों को जीवन का हिस्सा बनाएं
एक किताब तनाव दूर करने में एक अच्छी साथी साबित हो सकती है, साथ ही यह आपको आपके जीवन से परिचित कराती है, जिससे आप अपने लिए बेहतर सोच सकते हैं। किताबें शुरू से ही इंसान की सबसे अच्छी दोस्त रही हैं और आज भी हैं और भविष्य में भी रहेंगी।
ऊपर दिए गए उपाय हैं जिनके द्वारा हम अपने जीवन को तनाव मुक्त बना सकते हैं और एक संतुलित जीवन जी सकते हैं जिसमें सुख, सफलता और समृद्धि हो।