Article 370 Verdict in Hindi
दोस्तों आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से “Article 370 Verdict in Hindi” के बारें में जानकारी देंगे यहाँ पर हम आपको बतायंगे कि आर्टिकल 370 क्या है और भारत सरकार ने इस आर्टिकल को क्यों जारी किया है। इसके लिए आपको यह लेख ध्यान से अंत तक पढ़ना होगा। आर्टिकल 370 को जारी करने का निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली भारत सरकार का एक ऐतिहासिक कदम था। इस निर्णय के साथ जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया।
अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण ने जम्मू और कश्मीर को दी गई विशेष स्वायत्तता को रद्द कर दिया, जिसने राज्य को रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को छोड़कर अपना स्वयं का संविधान और निर्णय लेने की शक्तियां रखने की अनुमति दी थी। अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था, और इसके निरस्तीकरण ने महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को जन्म दिया।
सरकार ने बताया कि इस कदम से जम्मू-कश्मीर का शेष भारत के साथ अधिक एकीकरण होगा और क्षेत्र में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। हालाँकि, इस निर्णय को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, सहायक और आलोचनात्मक, विभिन्न प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा।
अनुच्छेद 370 फैसले के कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर व्यापक बहस हुई। इस कदम के समर्थकों ने तर्क दिया कि यह राष्ट्रीय एकता के लिए आवश्यक था, जबकि आलोचकों का तर्क था कि यह भारतीय संविधान के तहत जम्मू और कश्मीर को दी गई विशेष स्थिति को कमजोर करता है।
तीनों धाराएँ जम्मू और कश्मीर में समाप्त: नए संविधानिक विधेयक से अगले कदम
भारतीय संविधान के धारा 370 को रद्द करने का फैसला एक ऐतिहासिक क्षण है, जो ने जम्मू और कश्मीर के स्वरूप, संरचना, और विशेष स्थिति में संशोधन किया है। इस संविधानिक कदम का परिणामस्वरूप, जम्मू और कश्मीर और लड़ाख को संघ के एक सामान्य क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है, जिससे यहां पर भी भारतीय संविधान के अनुभाग 1 के तहत आने वाले सम्पूर्ण विधिक नियमों के लागू होंगे।
इस निर्णय के परिणामस्वरूप, धारा 370 और धारा 35A को समाप्त कर दिया गया है, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर को विशेष स्थान पर रखा था। धारा 370 जम्मू और कश्मीर को एक विशेष राज्य बनाती थी और इसने इस राज्य को अपने स्वशासन, राजनीतिक स्थान, और स्वायत्तता के क्षेत्र में विशेष अधिकार प्रदान किए थे। धारा 35A ने इस राज्य में नागरिकता, अधिग्रहण, और अन्य क्षेत्रों में विशेष अधिकार प्रदान किए थे।
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संसद ने अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए संविधानिक परिवर्तन का प्रस्ताव पारित किया, और इसके परिणामस्वरूप यह राज्य अब भारत के शासन के एक सामान्य क्षेत्र के रूप में हो गया है। लड़ाख को भी एक संघ राज्य के रूप में अलग रूप से घोषित किया गया है, जो स्वायत्तता के एक और स्तर को प्रतिनिधित्विता प्रदान करेगा।
यह संविधानिक परिवर्तन का कारण है कि अब जम्मू और कश्मीर में अनुपस्थित रहने वाले सम्पूर्ण नागरिकों को भारतीय संविधान के तहत समान अधिकार और जिम्मेदारियों का उचित फायदा होगा। यह एक ऐतिहासिक कदम है जो राज्य को सामान्य भारतीय राज्यों के साथ समानता प्रदान करता है।
Article 370 Verdict in English