what is GST full form || GST नंबर क्या है? || How GST Is Works
GST नंबर क्या है? दोस्तों आप लोग। GST के बारे में तो जानते होंगे | GSTIN एक 15 अंकों की संख्या कोड है जो केवल GST अधिनियम के तहत पंजीकरण करने पर मर्चेंट कंपनियों को दिया जाता है, जिसके माध्यम से इन सभी कंपनियों की अपनी कर भर्ती होती है। जब आप किसी दुकान से किसी उत्पाद का प्रचार करते हैं, तो आपको वह उत्पाद मिल जाएगा। आपको भी कर चुकाना होगा, अब आप सोच रहे होंगे कि हम कई बार दुकान से खरीदारी कर चुके हैं, लेकिन हमने कभी कोई कर नहीं चुकाया है,
इसलिए हम समझते हैं कि हम कभी भी किसी उत्पाद के सामने नहीं आएंगे। हम उस उत्पाद की दर को रोकते हैं जहां इसे डाला जाता है। अगर आपने कभी बाहा देखा है, तो आपने वहां देखा होगा, कि एक टैक्स लगाया जाता है, जब कोई कंपनी कोई उत्पाद बेचती है, तो उस उत्पाद का स्वामित्व सरकार के पास होना चाहिए। अगर कंपनी को टैक्स देना होता है तो उस प्रोडक्ट की कीमत कम होती है, लेकिन उस पर सेल्स टैक्स लगाने के बाद उसकी कीमत बढ़ जाती है और यहां कंपनी ग्राहक से उस प्रोडक्ट का सेल्स टैक्स भी लेती है।
GST की Full Form “ Goods And Services Tax” हिंदी में इसको “वस्तु एवं सेवा कर” बोलते है।
आपको बताते चले यह टैक्स लागू होने से भारत में टैक्स व्यवस्था को 2 भागो में बाटा गया था Direct Tax तथा Indirect Tax,
Direct Tax में Income Tax, House Tax, Entertainment Tax आदि टैक्सेज आते थे।
Indirect Tax: इस टैक्स में जब भी कोई सामान या सर्विस बाजार में आती थी तथा जब कस्टमर उसे खरीद ते थे तो ये टैक्स उन्ही की जेब से वसूल लिया था।
इसके अलावा जब हम कोई सामान खरीद ते थे तो उस चीज़ पर Service Tax, Vat, Exice Duty, आदि कई तरह के टैक्स हमसे वसूल लिए जाते थे और हम लोगो को पता भी नहीं होता था |
अब लागू होने के बाद उपभोक्ता को केवल एक ही टैक्स का भुगतान करना होता है। और जो भी सामन आप खरीदते है उसपर लगने वाला GST Tax का प्रतिशत उसपर साफ़ साफ़ लिखा होता है। जिसको आप आसानी से समझ सकते है |
GST Tax का मुख्य उद्देश्य:
भारत सरकार द्वारा लागू करने का मुखि मुख्य उद्देश्य यह है की पहले के सभी करो को हटा कर अब बस एक ही जाय और पहले अलग अलग राज्ज्यों अलग अलग टैक्स होने की वजह से उनके अलग अलग ही रेट होते थे अब एक ही टैक्स पुरे भारत में लागू होने पर भारत में हर चीज़ का एक ही रेट होगया है चाहे वो गुड हो या सर्विस |
लोकसभा में हुआ पारित:
यह बिल 6 मई 2015 को लोकसभा में पासकर दिया गया, जहां इसे 37 के मुकाबले 352 मतों से पारित कर दिया गया । जीएसटी को एक अप्रैल 2016 से लागू करने का प्रस्ताव है।
How GST Works in India
इस लेख में, हम देखते हैं कि जीएसटी वर्तमान शासन से कैसे अलग है और यह कैसे काम करेगा। जीएसटी एक प्रकार का मूल्य वर्धित कर है और राष्ट्रीय स्तर पर सेवाओं के साथ माल के विनिर्माण, बिक्री और उपभोग पर व्यापक अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावित है। यह भारतीय केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए गए सभी अप्रत्यक्ष करों की जगह लेगा। इसके अलावा, वस्तु और सेवा कर (GST) को भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जाता है
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